Class 10th | Hindi |(Both Medium)| PDF Notes |
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Notes for RBSE Class 10 Hindi हिंदी क्षितिज: Class 10 Hindi Pdf download हिंदी क्षितिज are part of RBSE Solutions for Class 10. Here we have given Rajasthan Board Books RBSE Class 10th Hindi Solutions PDF.
क्षितिज Handwritten Notes
Rajasthan Board Class 10 Hindi क्षितिज
पद्य खण्ड
- Chapter 1 सूरदास
कवि परिचय:- सूरदास का जन्म सन् 1478 में माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार उनका जन्म मथुरा के निकट रूनकता या रेणुका क्षेत्र में हुआ जबकि दूसरी मान्यता के अनुसार उनका जन्म स्थान दिल्ली के पास सीही माना जाता है। वे मथुरा और वृंदावन के बीच गऊघाट पर रहते थे और श्रीनाथ जी के मंदिर मे भजन-कीर्तन करते थे। उनका देहान्त 1583 में पारसौली मे हुआ था।
पाठ परिचय:- यहाँ सूरसागर के भ्रमरगीत से चार पद लिए गए है कृष्ण ने मथुरा जाने के बाद स्वंय न लौटकर उद्धव के जरिए गोपियों के पास संदेश भेजा था। उद्धव ने निर्गुण ब्रह्म एव योग का उपदेष देकर गोपियों की विरह वेदना को शांत करने का प्रयास किया कि कृष्ण ने अब राजनीति पढ ली है। अंत में गोपियों द्वारा उद्धव को राजधर्म याद दिलाया जाना सूरदास की लोकधर्मिता की दर्शाता है। - Chapter 2 तुलसीदास
कवि परिचय – तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर गाँव मे सन् 1532 में हुआ था। कुछ विद्वान उनका जन्मस्थान सोरो भी मानते है। तुलसी का बचपन बहुत संघर्षपूर्ण था। जीवन के प्रारंभिक वर्षों मे ही माता-पिता से उनका बिछोह हो गया कहा जाता है। कि गुरूकृपा से उन्हें रामभक्ति का मार्ग मिला. रामचरितमानस उत्तरी भारत की जनता के बीच बहुत लोकप्रिय है। मानस के अलावा कवितावली, गीतावली, दोहावली आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ है तथा सन् 1623 में काशी में उनका देहावसान हुआ।
पाठ परिचय – यह अंश रामचरितमानस के बाल कांड से लिया गया है सीता स्वयंवर मे राम द्वारा शिव-धनुष भंग के बाद मुनि परशुराम को जब यह समाचार मिला तो वे क्रोधित होकर वहाँ आते है। और शिव धनुष को खंडित देखकर आपे से बाहर हो जाते है। - Chapter 3 सेनापति
- Chapter 4 देव
- Chapter 5 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
कवि परिचय – सर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का जन्म बंगाल के महिषादल ” में सन् 1899 में हुआ। वे मूलतः गढ़ाकोला (जिला उन्नाव), उत्तर प्रदेश के निवासी थे। निराला की औपचारिक शिक्षा नौवीं तक महिषादल में ही हुई। उन्होंने स्वाध्याय से संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित किया। वे संगीत और दर्शनशास्त्र के भी गहरे अध्येता थे। रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद की विचारधारा ने उन पर विशेष प्रभाव डाला। निराला का पारिवारिक जीवन दुखों और संघर्षों से भरा था। आत्मीय जनों के असामयिक निधन ने उन्हें भीतर तक तोड़ दिया। साहित्यिक मोर्चे पर भी उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। सन् 1961 में उनका देहांत हो गया। - Chapter 6 जयशंकर प्रसाद
कवि परिचय – जयशंकर प्रसाद का जन्म सन् 1889 में वाराणसी में हुआ। काशी वे प्रसिद्ध क्वींस काॅलेज में वे पढ़ने गए परंतु स्थितियाँ अनुकूल न होने के कारण आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाए। बाद में घर पर ही संस्कृत, हिन्दी, फारसी का अध्ययन किया। छायावादी काव्य प्रवृत्ति के प्रमुख कवियों में से एक जयशंकर प्रसाद का सन् 1937 में निधन हो गया। - Chapter 7 कृपाराम खिड़िया
- Chapter 8 झाँसी की रानी (सुभद्रा कुमारी चौहान)
- Chapter 9 ऋतुराज
कवि परिचय – ऋतुराज का जन्म सन् 1940 में भरतपुर में हुआ। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से उन्होंने अंग्रेजी में एम.ए. किया। चालीस वर्षों तक अंग्रेजी साहित्य के अध्यापन के बाद अब सेवानिवृत्ति लेकर वे जयपुर में रहते हैं। उनके अब तक आठ कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें एक मरणधर्मा और अन्य, पुल पर पानी, सुरत निरत और लीला मुखारविंद प्रमुख हैं। उन्हें सोमदत्त, परिमल सम्मान, मीरा पुरस्कार, पहल । सम्मान तथा बिहारी पुरस्कार मिल चुके हैं। मुख्यधारा से अलग समाज के हाशिए के लोगों की चिंताओं को ऋतुराज ने अपने लेखन का विषय बनाया है। उनकी कविताओं में दैनिक जीवन के अनुभव का यथार्थ है और वे अपने आसपास रोज़मर्रा में घटित होने वाले सामाजिक शोषण और विडंबनाओं पर निगाह डालते हैं। यही कारण है कि उनकी भाषा अपने परिवेश और लोक जीवन से जुड़ी हुई है। - Chapter 8 नागार्जुन (Old book)
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गद्य खण्ड
- Chapter 10: स्वयं प्रकाश
कवि परिचय –स्वयं प्रकाश का जन्म सन् 1947 में इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके एक औद्योगिक प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले स्वयं प्रकाश का बचपन और नौकरी का बड़ा हिस्सा राजस्थान में बीता। फ़िलहाल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद वे भोपाल में रहते हैं और वसुधा पत्रिका के संपादन से जुड़े हैं। आठवें दशक में उभरे स्वयं प्रकाश आज समकालीन कहानी के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके तेरह कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें सूरज कब निकलेगा, आएँगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी और संधान उल्लेखनीय हैं। उनके बीच में विनय और ईंधन उपन्यास चर्चित रहे हैं। उन्हें पहल सम्मान, बनमाली पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है। - Chapter 11 रामवृक्ष बेनीपुरी
कवि परिचय – रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में सन् 1899 में हुआ। माता-पिता का निधन बचपन में ही हो जाने के कारण जीवन के आरंभिक वर्ष अभावों-कठिनाइयों और संघर्षों में बीते। दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे सन् 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ गए। कई बार जेल भी गए। उनका देहावसान सन् 1968 में हुआ। 15 वर्ष की अवस्था में बेनीपुरी जी की रचनाएँ पत्र- -पत्रिकाओं में छपने लगीं। वे बेहद प्रतिभाशाली पत्रकार थे। उन्होंने अनेक दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया, जिनमें तरुण भारत, किसान मित्र, बालक, युवक, योगी, जनता, जनवाणी और नयी धारा उल्लेखनीय हैं। - Chapter 12 यशपाल
कवि परिचय – यशपाल का जन्म सन् 1903 में पंजाब के फीरोजपुर छावनी में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा काँगड़ा में ग्रहण करने के बाद लाहौर के नेशनल कॉलेज से उन्होंने बी.ए. किया। वहाँ उनका परिचय भगत सिंह और सुखदेव से हुआ। स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी धारा से जुड़ाव के कारण वे जेल भी गए। उनकी मृत्यु सन् 1976 में हुई। यशपाल की रचनाओं में आम आदमी के सरोकारों की उपस्थिति है। वे यथार्थवादी शैली के विशिष्ट रचनाकार हैं। सामाजिक विषमता, राजनैतिक पाखंड और रूढ़ियों के खिलाफ़ उनकी रचनाएँ मुखर हैं। उनके कहानी संग्रहों में ज्ञानदान, तर्क का तूफ़ान, पिंजरे की उड़ान, वा दुलिया, फूलो का कुर्ता उल्लेखनीय हैं। उनका झूठा सच उपन्यास भारत विभाजन की त्रासदी का मार्मिक दस्तावेज़ है। अमिता, दिव्या, पार्टी कामरेड, दादा कामरेड, मेरी तेरी उसकी बात, उनके अन्य प्रमुख उपन्यास हैं। भाषा की स्वाभाविकता और सजीवता उनकी रचनागत विशेषता है। - Chapter 13 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
कवि परिचय – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का जन्म सन् 1927 में जिला बस्ती, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई। वे अध्यापक, आकाशवाणी में सहायक प्रोड्यूसर, दिनमान में उपसंपादक और पराग के संपादक रहे। सन् 1983 में उनका आकस्मिक निधन हो गया। सर्वेश्वर बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार थे। वे कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, निबंधकार और नाटककार थे। सर्वेश्वर की प्रमुख कृतियाँ हैं-काठ की घंटियाँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूटियों पर टँगे लोग (कविता-संग्रह); पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल (उपन्यास); लड़ाई (कहानी-संग्रह); बकरी (नाटक); भौं भौं खौं खौं, बतूता का जूता, लाख की नाक (बाल साहित्य)। चरचे और चरखं उनके लेखों का संग्रह है। खूटियों पर टंगे लोग पर उन्हें साहित्य अकादेमी का पुरस्कार मिला। - Chapter 14 मन्नू भंडारी
कवि परिचय – मनू भंडारी का जन्म सन् 1931 में गाँव भानपुरा, जिला मंदसौर (मध्य प्रदेश) में हुआ परंतु उनकी इंटर तक की शिक्षा-दीक्षा हुई राजस्थान के अजमेर शहर में। बाद में उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलिज में अध्यापन कार्य से अवकाश प्राप्ति के बाद आजकल दिल्ली में ही रहकर स्वतंत्र लेखन कर रही हैं। स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कथा साहित्य की प्रमुख हस्ताक्षर मन्नू
भंडारी की प्रमुख रचनाएँ हैं-एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, यही सच है, त्रिशंकु (कहानी-संग्रह); आपका बंटी, महाभोज (उपन्यास)। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के लिए पटकथाएँ भी लिखी हैं। हाल ही में एक कहानी यह भी नाम से आत्म कथ्य का प्रकाशन। उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए हिंदी अकादमी के शिखर सम्मान सहित उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार शामिल हैं। - Chapter 15 ईर्ष्या, तू न गई मेरे मन से
- Chapter 16 यतीन्द्र मिश्रा
कवि परिचय – यतींद्र मिश्र का जन्म सन् 1977 में अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में हुआ। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से हिंदी में एम.ए. किया। वे आजकल स्वतंत्र लेखन के साथ अर्द्धवार्षिक सहित पत्रिका का संपादन कर रहे हैं। सन् 1999 में साहित्य और कलाओं के संवर्द्धन और अनुशीलन के लिए एक सांस्कृतिक न्यास ‘विमला देवी फाउंडेशन’ का संचालन भी कर रहे हैं। यतींद्र मिश्र के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं यदा-कदा, अयोध्या तथा अन्य कविताएँ, ड्योढ़ी पर आलाप। इसके अलावा शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी के जीवन और संगीत साधना पर एक पुस्तक गिरिजा लिखी। रीतिकाल के अंतिम प्रतिनिधि कवि द्विजदेव की ग्रंथावली (2000) का सह-संपादन किया। कुँवर नारायण पर केंद्रित दो पुस्तकों के अलावा स्पिक मैके के लिए विरासत-2001 के कार्यक्रम के लिए रूपंकर कलाओं पर केंद्रित थाती का संपादन भी किया।
Class 10th | Hindi | Hindi & English Medium | video | ( Both )
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Board of Secondary Education, Rajasthan (abbreviated BSER / RBSE) is a board of education for school-level education in the Indian state Rajasthan. RBSE is a state agency of the Government of Rajasthan and has its headquarters in Ajmer. Board is responsible for the promotion and development of secondary education in Rajasthan state. BSER was set up in the year 1957 and constituted under the Rajasthan Secondary Education Act 1957. Results of examinations conducted by BSER can be accessed via the website.
Course Features
- Lectures 16
- Quizzes 0
- Duration 10 weeks
- Skill level All levels
- Language English
- Students 0
- Assessments Yes